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सर्दियों में वज़न बढ़ना PCOS पर कैसे असर डालता है? जानिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

Information By Dr. Keshav Chauhan

सर्दियों का मौसम कई लोगों के लिये सुखद होता है क्योंकि भूख बढ़ती है, नींद गहरी आती है और शरीर को थोड़ी ढील मिल जाती है। लेकिन PCOS से जूझ रही महिलाओं के लिये यह मौसम अक्सर और चुनौतीपूर्ण बन जाता है। जैसे ही ठंड शुरू होती है वैसे ही वज़न तेज़ी से बढ़ने लगता है और शरीर धीरे-धीरे भारी महसूस होने लगता है। कई महिलाएँ बताती हैं कि सर्दियों में उनका पेट जल्दी फूल जाता है, चेहरे पर सूजन दिखने लगती है और मासिक चक्र भी अनियमित होने लगता है।

आधुनिक चिकित्सा PCOS को एक हार्मोनल और मेटाबाॅलिक असंतुलन मानती है जिसमें इंसुलिन, एंड्रोजन और ओव्यूलेशन तीनों प्रभावित होते हैं। लेकिन आयुर्वेद इसे केवल हार्मोन का रोग नहीं कहता। आयुर्वेद के अनुसार यह विकार तब जन्म लेता है जब कफ बढ़ जाता है, अग्नि कमज़ोर पड़ जाती है और मेद धातु अनियंत्रित होकर शरीर में रुकावट पैदा करती है। यही रुकावट धीरे-धीरे अंडाशय, रक्त प्रवाह और मासिक चक्र की गति को भी बाधित कर देती है।

जब सर्दियों में वज़न बढ़ता है तब यह रुकावट और गहरी हो जाती है। बढ़ा हुआ कफ धीरे-धीरे मेद धातु को भारी करता है और वही मेद हार्मोनल संतुलन को अस्थिर करता है। कई बार यह बदलाव इतना सूक्ष्म होता है कि आप समझ ही नहीं पातीं कि आपके मूड, स्किन और पीरियड्स क्यों अचानक बदलने लगे। यही कारण है कि PCOS में सर्दियों का मौसम विशेष ध्यान मांगता है।

यह ब्लॉग इस संबंध को सरल भाषा में समझाने के लिये है ताकि आप पहचान सकें कि सर्दियों का वज़न आपकी PCOS स्थिति पर कैसे असर डालता है और आयुर्वेद के अनुसार आप इसे कैसे संभाल सकती हैं।

सर्दियों में वज़न क्यों बढ़ता है?

सर्द मौसम में शरीर खुद को गर्म रखने के लिये ऊर्जा का उपयोग अलग तरह से करता है। ठंड बढ़ते ही पाचन अग्नि स्वभाव से तेज़ होती है लेकिन इसके साथ ही कफ भी बढ़ने लगता है। यही संयोजन शरीर में भूख बढ़ाता है और आप सामान्य दिनों की तुलना में अधिक खाना खाने लगती हैं।

दूसरी ओर ठंड के कारण गतिविधि कम हो जाती है। सुबह उठना भारी लगता है और शाम को टहलने की इच्छा भी कम होती है। ऐसे दिनों में शरीर जितनी ऊर्जा खर्च करता है उससे अधिक ऊर्जा संग्रहित करने लगता है।

जब यह ऊर्जा संग्रहित होती है तब मेद धातु बढ़ती है। आयुर्वेद में मेद वृद्धि को PCOS की जड़ में से एक माना गया है क्योंकि यह असंतुलन धीरे-धीरे प्रजनन प्रणाली पर प्रभाव डालता है। यही वजह है कि एक छोटा सा वज़न बढ़ना भी PCOS में बड़ा बदलाव ला सकता है।

PCOS पर सर्दियों का प्रभाव – आयुर्वेद इसे कैसे देखता है?

सर्दियों में कफ, वायु और अग्नि तीनों अलग-अलग दिशा में काम करते हैं। कफ भारी होता है, वायु धीमी गति से चलने लगती है और अग्नि अस्थिर हो जाती है। PCOS में यह तीनों दोष पहले से ही संवेदनशील रहते हैं इसलिए मौसम का बदलाव उन पर तुरंत असर डालता है।

आयुर्वेद PCOS को अर्तवदोष और मेददोष से जोड़कर देखता है। जब मेद बढ़ता है तब अर्तववह स्रोतस में अवरोध पैदा होता है। यही अवरोध ओव्यूलेशन, रक्त प्रवाह और महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है।

ठंड इस अवरोध को और स्थिर कर देती है। मेद भारी होकर चैनल्स को और जकड़ देता है जबकि वायु प्रजनन मार्ग की गति को धीमा कर देती है। इसलिये सर्दियों में PCOS के लक्षण कई बार और तीव्र दिखाई देते हैं।

सर्दियों में बढ़ा वज़न PCOS के लक्षणों को कैसे बदल देता है?

आप खुद अनुभव करती होंगी कि ठंड शुरू होते ही कुछ लक्षण बढ़ जाते हैं। कई महिलाएँ कहती हैं कि उनका चेहरे का चमक कम हो जाती है, स्किन अधिक रूखी हो जाती है या एक्ने बढ़ जाते हैं। कई बार पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और पेट भारी रहने लगता है।

वज़न बढ़ने से PCOS में आम बदलाव

  • पीरियड्स में देरी
  • ओव्यूलेशन कमज़ोर
  • पेल्विक क्षेत्र में भारीपन
  • एक्ने
  • चेहरे पर अनचाहे बाल
  • सुस्ती
  • मूड में उतार-चढ़ाव

ये सभी संकेत बताते हैं कि मेद धातु बढ़कर हार्मोनल प्रवाह को धीमा कर रही है और कफ प्रजनन मार्ग पर दबाव डाल रहा है।

सर्दियों में PCOS क्यों जल्दी भड़कता है – मुख्य कारण

PCOS में सर्दियों का असर सिर्फ वज़न से नहीं आता बल्कि कई आदतें और वातावरण का परिवर्तन मिलकर इस समस्या को बढ़ाते हैं।

प्रमुख कारण

  • गतिविधि कम होना
  • भारी भोजन
  • नींद का समय बिगड़ना
  • धूप कम मिलना
  • वायु का बढ़ना
  • अग्नि का अनियमित होना

इनका असर धीरे-धीरे जमा होता है और PCOS के लक्षण तेज़ महसूस होने लगते हैं।

PCOS में सर्दियों के संकेत – आपका शरीर कैसे बता रहा है कि बदलाव ज़रूरी है

सर्दियों में आपका शरीर कुछ संकेत देता है जो बताते हैं कि PCOS का प्रभाव बढ़ रहा है और आपको तुरंत अपनी दिनचर्या बदलनी चाहिए।

संकेत

  • चेहरे या पैरों में सूजन
  • बार-बार थकान
  • भारीपन
  • वज़न अचानक बढ़ना
  • भूख असामान्य रूप से बढ़ना
  • पीरियड्स में देरी
  • पेट फूलना
  • गैस और मंद पाचन

ये संकेत बताते हैं कि कफ और मेद दोनों बढ़ रहे हैं और शरीर को अंदर से हल्का करने की आवश्यकता है।

सर्दियों में PCOS को संभालने का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

PCOS को आयुर्वेद में एक ऐसा विकार माना जाता है जहाँ कफ, मेद और वायु तीनों एक साथ असंतुलित हो जाते हैं। सर्दियों का मौसम कफ और मेद को और बढ़ाता है जबकि वायु चैनलों में जकड़न पैदा करती है। यही वजह है कि सर्दियों में PCOS का प्रबंधन केवल वज़न घटाने का मामला नहीं रहता बल्कि शरीर को भीतर से गर्म, हल्का और संतुलित करने का उपाय बन जाता है।

आयुर्वेद मानता है कि जब आप अग्नि को स्थिर रखते हैं और मेद को पिघलने में सहायता देते हैं तब प्रजनन प्रणाली धीरे-धीरे संतुलित होने लगती है। यह गर्मियों की तुलना में सर्दियों में ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है क्योंकि ठंड में मेद जल्दी जमता है और शरीर को भारी बना देता है।

PCOS में सर्दियों का आयुर्वेदिक उपचार – जड़ पर काम करने वाले उपाय

सर्दियों में PCOS का उपचार केवल एक-दो घरेलू उपायों से नहीं होता। यह उपचार एक व्यापक दृष्टिकोण चाहता है जहाँ आप आहार, जीवनशैली और जड़ी-बूटियों को एक साथ अपनाती हैं ताकि मेद, अग्नि और कफ तीनों संतुलित हों।

प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय

  • त्रिफला का नियमित सेवन
  • लौकी, तोरी और हल्के कफ-नाशक सब्ज़ियों का बढ़ा उपयोग
  • तिल का तेल या सरसों का हल्का अभ्यंग
  • काढ़े में दालचॶनी
  • मेथीदाना सोखकर हल्का सेवन
  • सुबह के समय थोड़ा व्यायाम

ये उपाय शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं और मेद को कम करने में मदद करते हैं। कई महिलाओं को यह जानकर आश्चर्य होता है कि केवल गर्म पानी पीने की आदत ही सर्दियों में हार्मोनल संतुलन को काफी हद तक सुधार सकती है क्योंकि इससे कफ की जड़ता कम होती है।

PCOS में लाभकारी जड़ी-बूटियाँ – सर्दियों में इनका असर गहरा होता है

कई औषधियाँ सर्दियों में PCOS पर खास असर डालती हैं क्योंकि यह मौसम कफ और मेद दोनों को तेज़ी से प्रभावित करता है। आयुर्वेद में इन जड़ी-बूटियों का उपयोग सदियों से महिलाओं के स्वास्थ्य को संभालने के लिये किया जाता रहा है।

महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियाँ

  • अश्वगंधा
  • शतावरी
  • गुडूची
  • मुलेठी
  • वचा
  • दालचॶनी

अश्वगंधा तनाव को कम करने में सहायता करती है जबकि शतावरी प्रजनन मार्ग की शक्ति को बढ़ाती है। गुडूची अग्नि को स्थिर रखती है और शरीर की सूजन को कम करती है। काली जीरी सर्दियों में मेद को पिघलाने का अद्भुत गुण रखती है।

अगर आपका शरीर लगातार भारी महसूस हो रहा है या पीरियड्स बार-बार लेट हो रहे हैं तो ये जड़ी-बूटियाँ आपके लिये बहुत मददगार हो सकती हैं। कई बार छोटी-सी दिनचर्या भी हार्मोनल संतुलन में बड़ा परिवर्तन ला देती है।

PCOS में सर्दियों का आहार – क्या खाएँ और क्या घटाएँ

सर्दियों में भोजन थोड़ा भारी हो जाता है। गजक, लड्डू, मलाई, आलू और तली हुई चीज़ें आसानी से आपके आहार में जगह बना लेती हैं। लेकिन PCOS में ये चीज़ें मेद की परत को तेज़ी से बढ़ाती हैं और चैनलों में अवरोध पैदा करती हैं।

आयुर्वेद कहता है कि सर्दियों में अग्नि तेज़ होती है लेकिन इसे केवल भारी भोजन से भर देने से लाभ नहीं होता। अग्नि को ऐसा भोजन देना चाहिए जो गर्म भी हो और हल्का भी ताकि मेद का संचय न हो।

क्या खाएँ

  • गर्म सूप
  • मूंग की दाल
  • रागी
  • जौ
  • बाजरा
  • गर्म पानी
  • हल्दॶ
  • काली मिर्च

क्या घटाएँ

  • तले खाद्य पदार्थ
  • अत्यधिक मीठा
  • मैदा
  • ठंडी चीज़ें
  • भारी दुग्ध पदार्थ
  • चीनी

जब आप अपने भोजन में परिवर्तन करती हैं तब शरीर भीतर से हल्का होने लगता है। कई महिलाएँ बताती हैं कि केवल मीठा घटाने से ही उनका पेट सूजना कम हुआ और चेहरे की चमक वापस आने लगी।

जीवनशैली के उपाय – सर्दियों में PCOS को स्थिर रखने की दैनिक आदतें

PCOS केवल दवा या आहार का विषय नहीं है। यह जीवनशैली पर सबसे अधिक निर्भर करता है। खासकर सर्दियों में जब आप थोड़ी-सी लापरवाही से भी वज़न बढ़ा लेती हैं तब ये आदतें और आवश्यक हो जाती हैं।

दैनिक उपाय

  • सुबह की धूप लेना
  • गरम पानी से स्नान
  • हल्का योग
  • ब्रीदिंग एक्सरसाइज
  • अभ्यंग
  • समय पर सोना
  • देर रात खाने से बचना

इनमें से कई आदतें दिखने में सरल लगती हैं लेकिन PCOS पर गहरा असर छोड़ती हैं। धूप से हार्मोनल संतुलन सुधारता है जबकि अभ्यंग मेद की ठोसता को कम करता है और शरीर में गर्माहट लाता है।

सर्दियों में PCOS को संभालने के घरेलू नुस्खे

सर्दियों के मौसम में छोटे घरेलू उपाय कई बार बड़े बदलाव ला देते हैं क्योंकि शरीर इस मौसम में स्वभाव से थोड़ा भारी हो जाता है। PCOS में ये उपाय अग्नि को स्थिर रखते हैं और मेद धातु की जकड़न को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप इन्हें नियमित रूप से अपनाएँगी तो धीरे-धीरे आपका शरीर भीतर से हल्का महसूस करने लगेगा।

उपयोगी घरेलू नुस्खे

  • दालचॶनी का गर्म पानी
  • अदरक और हल्दॶ का हल्का काढ़ा
  • मेथीदाना रातभर भिगोकर सुबह गुनगुने पानी के साथ
  • अजवाइन का पानी
  • तिल के तेल का गरम अभ्यंग
  • दिन में दो बार गर्म पानी की चुस्की

इन नुस्खों का असर इसलिए गहरा होता है क्योंकि ये कफ की ठोसता को कम करते हैं। अदरक और हल्दॶ पाचन को तेज़ करते हैं जबकि मेथीदाना सर्दियों में बढ़ी हुई भूख की तीव्रता को थोड़ा स्थिर करता है। तिल का तेल शरीर को गर्म रखता है और मेद की परत को हल्का करने में मदद करता है।

सर्दियों में PCOS और मानसिक स्वास्थ्य – आयुर्वेद का दृष्टिकोण

PCOS केवल शारीरिक समस्या नहीं है। कई महिलाओं में सर्दियों के दौरान मूड, ऊर्जा और भावनात्मक स्थिरता भी काफी बदल जाती है। आयुर्वेद मानता है कि जब कफ और वायु एक साथ असंतुलित होते हैं तब मन की स्थिरता प्रभावित होती है।

सर्द मौसम में दिन छोटे हो जाते हैं और धूप कम मिलती है। इससे मन भारी होने लगता है और नकारात्मक भावनाएँ तेज़ महसूस हो सकती हैं। अगर मेद और कफ पहले से बढ़े हों तो यह भारीपन और बढ़ जाता है और PCOS के लक्षणों को और मुश्किल बना सकती है।

आयुर्वेद मन और शरीर को एक ही इकाई मानता है। जब आप भोजन, दिनचर्या और श्वास को संतुलित रखती हैं तब मानसिक संतुलन भी सुधरता है। कई बार सिर्फ सुबह की धूप लेना या सौम्य प्राणायाम भी उस भारीपन को हल्का कर देता है जिसके कारण PCOS कठिन लगने लगता है।

PCOS में व्यायाम का महत्व – सर्दियों में कौन सा व्यायाम सबसे अच्छा

सर्दियों में व्यायाम करना थोड़ा कठिन लगता है। लेकिन PCOS में यही कठिन काम भविष्य में बड़ी राहत देता है। आयुर्वेद भी मानता है कि उचित गतिविधि मेद को कम करने और पाचन को बढ़ाने के लिये आवश्यक है।

उपयोगी व्यायाम

  • तेज़ चलना
  • सौम्य योग
  • सूर्य नमस्कार
  • कपालभाति
  • भुजंगासन
  • हल्की दौड़

सूर्य नमस्कार विशेष रूप से लाभकारी है क्योंकि यह शरीर के हर हिस्से को गर्म करता है, पाचन को तेज़ करता है और रक्त संचार को भी बढ़ाता है।

अगर आप बहुत भारी व्यायाम नहीं कर पातीं तो केवल 20 मिनट पैदल चलना भी PCOS में काफी सुधार ला सकता है। धीरे-धीरे शरीर को गति में रखने की आदत ही असली दवा बन जाती है।

सर्दियों में PCOS को सुधारने का समग्र आयुर्वेदिक मार्ग

PCOS एक ऐसा विकार है जिसे कुछ दिन की मेहनत से नहीं संभाला जा सकता। यह शरीर की गहराई में मौजूद उन पैटर्न्स से जुड़ा है जो धीरे-धीरे बदलते हैं। आयुर्वेद इसलिये PCOS को केवल दवा का मामला नहीं मानता बल्कि एक जीवनशैली का विषय बताता है।

समग्र उपचार में तीन बातें सबसे महत्वपूर्ण रहती हैं।

तीन मुख्य स्तंभ

  • अग्नि का संतुलन
  • मेद धातु का नियंत्रण
  • कफ और वायु का समन्वय

जब ये तीनों संतुलित होते हैं तब ओव्यूलेशन धीरे-धीरे सामान्य होने लगता है और पीरियड्स भी स्थिर होने लगते हैं। सर्दियों में यह संतुलन थोड़ी मेहनत से आता है लेकिन एक बार दिनचर्या बन जाने पर शरीर काफी हल्का महसूस करता है।

निष्कर्ष

सर्दियों में वज़न बढ़ना स्वाभाविक है लेकिन PCOS में यह बदलाव तेज़ी से प्रभाव डाल सकता है। सर्द मौसम कफ और मेद को बढ़ाता है और जब यह बढ़ोतरी प्रजनन मार्ग में पहुँचती है तब PCOS के लक्षण तेज़ महसूस होते हैं। आयुर्वेद आपको बताता है कि इस स्थिति को कैसे संभाला जा सकता है। जब आप आहार को हल्का रखती हैं, जड़ी-बूटियों का सही उपयोग करती हैं और शरीर को थोड़ा गरम और सक्रिय बनाए रखती हैं तब आप PCOS को मौसम के अनुसार नियंत्रित कर पाती हैं। सर्दियों में यह देखभाल और ज़रूरी हो जाती है क्योंकि यह मौसम शरीर को भारी और धीमा बना देता है। अगर आप इस मौसम की मांग को समझकर अपने लिये सही दिनचर्या बना लेती हैं तो धीरे-धीरे आपका शरीर स्थिर हो जाता है और PCOS का प्रभाव भी कम होने लगता है। अंदर से हल्कापन, स्थिर अग्नि और संतुलित मन—ये तीन बातें सर्दियों में आपकी सबसे बड़ी सहयोगी साबित हो सकती हैं।

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FAQs

1. क्या सर्दियों में वज़न बढ़ना PCOS को वाकई खराब कर सकता है?

हाँ। सर्दियों में कफ और मेद दोनों बढ़ते हैं और यह हार्मोनल संतुलन पर सीधा असर डालते हैं। जब मेद धातु बढ़ती है तब अर्तववह स्रोतस में रुकावट बढ़ सकती है जिससे ओव्यूलेशन और मासिक चक्र दोनों प्रभावित होने लगते हैं।

2. क्या सर्दियों में भूख बढ़ना सामान्य है?

हाँ यह बिल्कुल सामान्य है। सर्दियों में अग्नि तेज़ होती है इसलिए भूख बढ़ना स्वाभाविक है। लेकिन PCOS में आपको इस भूख को संतुलित रखना होता है ताकि मेद की अधिकता न बढ़े।

3. क्या PCOS में सर्दियों के दौरान मीठा पूरी तरह छोड़ देना चाहिए?

पूरी तरह छोड़ना आवश्यक नहीं है लेकिन इसे काफी कम करना चाहिए। मीठा मेद को तेज़ी से बढ़ाता है और कफ को भारी बनाता है जिससे PCOS और कठिन हो सकता है।

4. क्या PCOS में सर्दियों के लिये कोई खास जड़ी-बूटियाँ उपयोगी होती हैं?

हाँ। अश्वगंधा, शतावरी, गुडूची, मेथीदाना, दालचॶनी और वचा सर्दियों में विशेष लाभ देती हैं क्योंकि ये अग्नि को स्थिर करती हैं और मेद की जकड़न को कम करती हैं।

5. क्या सर्दियों में कसरत कम करने से PCOS खराब होता है?

हाँ। गतिविधि कम होने से मेद बढ़ता है और कफ का संचय भी तेज़ होता है। हल्का व्यायाम भी PCOS में बड़ा सुधार ला सकता है इसलिए ठंड में भी गतिविधि बनाए रखना ज़रूरी है।

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