कैयेने पैपर ऑयल (लाल मिर्च का तेल):
इस तेल को आप आसानी से घर पर तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले ये तय करना होगा कि आपकी सरसों, गोले या जैतून में से किसका तेल पसंद है। अब चुने गए विकल्प वाले तेल की 100 ग्राम मात्रा लेकर इसमें एक बड़ी चम्मच लाल मिर्च डालकर इस मिश्रण को गर्म करें। कुछ मिनटों तक तेल को गर्म करने के बाद 15 मिनट के लिए इसको ठंडा होने को छोड़ दीजिये। अब फिर से इस मिश्रण को गर्म करें और ठंडा करें। यह प्रक्रिया 2-3 बार दोहराएँ और फिर इसे एक जाऱ में उड़ेलकर रख लें। दर्द वाले जोड़ों पर इसका प्रयोग करें।
ध्यान दें:
इस तेल का प्रयोग करने पर जलन हो सकती है और इसीलिए, इसको खुली चोटों या संवेदनशील हिस्सों पर ना लगाएँ।
लहसुन का तेल:
यह भारत में जोड़ों के दर्द के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला और सबसे असरदार उपाय है। लहसुन की 3-4 कलियाँ लेकर इन्हें सरसों के तेल में 3-5 मिनट के लिए (लहसुन के भूरा होने तक) भूनें। आप इसमें थोड़ी-सी लाल मिर्च भी मिला सकते हैं। मिश्रण तैयार होने पर इसको प्रभावित क्षेत्र पर लगाएँ। मालिश के लिए तेल बनाने की यह सबसे सरल आयुर्वेदिक विधि है।
यूकेलिप्टस का तेल:
अस्थमा, साइनस, साँस की समस्याओं, जलने या चोट लगने आदि में काम आने वाला यह तेल कई स्वास्थ्य समस्याओं में फायदा करता है और एक बहुत असरदार औषधि है। यूकेलिप्टस का तेल जोड़ों के दर्द में बहुत आराम देता है।
¼ औंस यूकेलिप्टस की पत्तियाँ लेकर इनको एक कटोरा जैतून के तेल में गर्म करें। धीमी आँच पर इस तेल को कम से कम 6 घंटे के लिए उबालें और फिर एक बंद बर्तन में इसको रख दें। इस तेल में एंटी-बैक्टीरियल और दर्दनाशक (दर्द से राहत देने वाले) गुण होते हैं।
जीवा पेन कॉम पोटली:
यदि आपके पास घर में जोड़ों के दर्द से राहत देने वाला कोई तेल तैयार करने का समय नहीं है, तो आप अजवाइन, हल्दी, मेंथी और सौंठ के युक्त का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह जोड़ों के सामान्य दर्द व जोड़ों की समस्याओं, जैसे गठिया और कशेरुकासन्धिशोथ (स्पॉन्डिलाइटिस) आदि में बहुत उपयोगी है।