अम्ल प्रतिवाह (एसिड रिफ्लक्स):
जब शरीर में पित्त की मात्रा बहुत बढ़ जाती है, तो पाचन अम्ल भी बढ़ जाता है। ऐसे में अन्नप्रणाली (ओएसोफैगस) खुल जाती है और अम्ल का प्रवाह गले और गर्दन के पीछे तक होने लगता है। कई बार ऐसा होने से आराम मिलता है, परन्तु कई बार उल्टी जैसा मन होने लगता है।अम्ल प्रतिवाह को गैस्ट्रोएसोफैजल रिफ्लक्स डिजीज (जी. ई. आर. डी) भी कहा जाता है। अम्ल प्रतिवाह का आयुर्वेदिक उपचार इस बीमारी को बढ़ने से रोकने में आपकी मदद करता है साथ ही आपकी भूख भी बढ़ाता है।
गर्भावस्था:
गर्भवती महिला को भोजन के बाद उल्टी करने की इच्छा महसूस होती है। हालाँकि यह एक खास अवस्था होती है और बच्चे के जन्म के बाद ऐसा होना बंद हो जाता है। हॉर्मोन के स्तर में बदलाव के कारण लगभग 80% महिलाओं के साथ ऐसा होता है। परन्तु अगर आपको यह ज्यादा बार होने लगे तो यह शरीर का कई स्वास्थ्य सम्बन्धी विकारों की ओर इशारा भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत ही चिकित्सक से संपर्क करें।
अपचन:
अपचन और बदहजमी पित्त के कमजोर होने के कारण होती है। जो आप खाते हैं, उसे हजम होने में समय लगता है। इसके कारण कुछ खाद्य कण पेट में अमा के रूप में अवांछित रह जाते हैं। पाचन प्रणाली में अमा के होने से भी उबकाई और उल्टी जैसा लग सकता है।
मनोवैज्ञानिक कारण:
एनोरेक्सिया, यानी तनाव और चिंता के कारण भी खाने के बाद उबकाई जैसा हो सकता है।तनाव में उल्टी की स्थिति बिना खाये भी हो सकती है। कोशिश करें कि तनाव में कम से कम खाएँ। तनाव और चिंता को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार बहुत लाभकारी हैं।
खाद्य-पदार्थों से असहिष्णुता या एलर्जी:
कुछ खाद्य-पदार्थ शरीर में एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए - जिन लोगों में लैक्टोस असहिष्णुता है, उन्हें दूध या उससे जुड़े पदार्थ का सेवन करने से एलर्जी हो सकती है। साथ ही, कुछ सी-फ़ूड, मशरुम और विदेशी खाद्य पदार्थ भी उबकाई आने का कारण बन सकते हैं।
चिकित्सा:
यदि आप किसी बीमारी की वजह से कोई दवाई ले रहे हैं, तो वह भी आपकी भूख के विरुद्ध कार्य कर सकती हैं, जिससे जी मचलने लगता है। अगर ऐसे कोई परेशानी आपकी साथ भी है, तो अपने चिकित्सक को बताएँ।
विषाक्त भोजन:
अगर आप कुछ भी विषाक्त, नुकसानदायक या जहरीला खाते हैं, तो आप फूड पॉइजनिंग का शिकार हो सकते हैं। ऐसा होने पर उल्टी आना एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया मानी जाती है। हमेशा ठीक से पका हुआ और साफ़ भोजन खाएँ। कुछ मशरुम जहरीले होते हैं, तो ध्यान से चुनें।